राजस्थान की मिट्टी वीरो के शौर्य और बलिदान के लिए मशहूर
है। यहां के योद्धाओं की गाथाएं आज भी बड़े गर्व से सुनाई जाती हैं। आज हम
राजस्थान के भादवा गाँव के ऐसे ही वीर सपूत की गाथा याद कर रहे जो अपने जीवन को देश
के लिए कुर्बान कर देने वाला, पल-प्रति-पल मौत के साये में बैठे रहने वाला, अपने घर-परिवार से दूर नितांत निर्जन में कर्तव्य निर्वहन
करने वाला जाँबाज़ भारत माता के वीर सपूत श्री रामू लाल गाड़ेगावलिया की l
बात पुरानी तो है, लेकिन इतनी भी पुरानी नहीं कि उसे भूला दिया जाये। बस बीस
साल पहले 25-26 मई 1997 की ही तो बात है... जब जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में वीर सपूत
भारत माता के लाल रामू लाल गाड़ेगावलिया ने दुश्मन के गोले, बारूद और तोपों का सामना करना और चुन-चुन कर पाकिस्तानी
घुसपैठियों का सफाया करना शुरू कर दिया था । वो गोलियों की बौछार से डरने वाला
नहीं था ये वीर सिपाही अपनी टुकड़ी के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ता रहा, जहाँ दुश्मन
घात लगाये ऊँची चोटी पर बैठे इस ताक में थे कि कब उन्हें कोई भारतीय जवान दिखे,
ऐसे में ये वीर सिपाही अपनी
जान की परवाह किये बिना आगे बढ़ता रहा। हमला करते हुए उन्होंने दुश्मन के दो आतंकवादियो
को को मार गिराया, इसी दौरान उनके दुश्मन की गोलियां
लगीं तथा देश की सेवा करते हुए अपने प्राणों की आहुति देकर वीरगति को प्राप्त हुए
l
वीर सपूत शहीद रामू लाल गाड़ेगावलिया का जन्म जयपुर जिले के
सांभर तहसील के भादवा गाँव में श्री हरनाथ जी गाड़ेगावलिया व् श्रीमती मांगी देवी
के घर 1 जुलाई 1972 को जन्मे । आपने अपनी प्रारम्भिक एव माध्यमिक शिक्षा भादवा से
की 12 वीं भेसलान से और बी ए राजकीय शाकम्भरी महाविधालय सांभर से 1993 में उतीर्ण
की । शहीद के छ भाई व् एक बहिन है बड़े भाई भंवर लाल गाड़ेगावलिया अध्यापक है तथा
तीन अन्य भाई में से एक पंजाब में रोजगार करते एक राज पुलिस में कास्टेबल तथा फोज
में कार्यरत है । शहीद 9 फरवरी 1994 इंडो तिब्बत बार्डर पुलिस फोर्स में देश की
सेवा करने के लिए भर्ती हुए थे ।
दिनाक 8 मई 2016 रविवार को शहीद रामूलाल की प्रतिमा का
अनावरण केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने
किया। मंत्री, विधायक व सरपंचों ने मूर्ति पर पुष्प चक्र अर्पित किए। इस दौरान केन्द्रीय
सुरक्षा बल के कमांडों ने सलामी दी। कार्यक्रम के दौरान कर्नल राठौड़ व विधायकों
सहित सांभर विधानसभा क्षेत्र से आए सरपंचों ने शहीद रामूलाल की माता मांगी देवी का
शॉल ओढाकर सम्मान किया व भाइयों का भी किया सम्मान किया। प्रतिमा का अनावरण के बाद
समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री कर्नल राठौड़ ने कहा जो शहीद देश के सम्मान की
रक्षा के लिए आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हो जाते हैं। उन्हें समाज की आने
वाली पीढिय़ां हमेशा याद करेगी। फुलेरा विधायक निर्मल कुमावत ने कहा कि रामूलाल के
परिवार के चार लोग आज भी देश की सेवा कर रहे हैं। उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं का
समाधान कराने के प्रयास करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर निवाई (टोंक) विधायक हीरा लाल रैगर, धोद (सीकर) विधायक गोर्धन लाल वर्मा, राम सहाय वर्मा राष्टीय महासचिव अखिल भारतीय रैगर
महासभा, राष्टीय प्रचार सचिव
मुकेश कुमार गाड़ेगावलिया पत्रकार अखिल भारतीय रैगर महासभा, डॉ एस के मोहंपुरिया प्रदेश अध्यक्ष, अखिल भारतीय
रैगर महासभा, जोबनेर चेयरमैन ज्ञान चंद जाजोरिया समारोह अध्यक्ष फुलेरा विधायक निर्मल
कुमावत, फुलेरा नगरपालिका अध्यक्ष नृसिंग नारनोलिया, राजस्थान प्रदेश महासचिव बीरबल बुनकर, सांभर प्रधान
बबली कंवर, जयपुर जिला परिषद
सदस्य मंजू कुमावत, रेनवाल नगरपालिका अध्यक्ष सुमन कुमावत, सांभर नगर पालिका अध्यक्ष विनोद सांभरिया, आदि के अलावा समारोह में
भादवा, भैसलाना, मढाभीमसिंह, मूण्डघसोई, मींडा, चौसला, गुढ़ासाल्ट, गोविन्दी मारवाड़, नावां, खतवाड़ी, जोबनेर सहित आस-पास व दूर
दराज के के ग्राम पंचायतों के सरपंच, उपसरपंच, वार्डपंचों सहित सैकड़ों पुरूष महिला समारोह में उपस्थित थे।
इतिहास ने खुद को एक नये तेवर में सजते देखा और इस तारीख को
तब से ही रैगर समाज के गाड़ेगाँवलिया परिवार ने वीरता दिवस के रूप में मनाया जाता
है।
आप सब में से कोई अगर राजस्थान में जयपुर, नागौर जिले या
सांभर आदि क्षेत्र में घूमने जायें, तो सांभर तहसील के भादवा गाँव में स्थित शहीद रामूलाल की प्रतिमा स्थल पर अवश्य
जाईयेगा...रैगर समाज के सपूत की शौर्य की इस अनूठी दास्तान को करीब से देखने-जानने
का मौका मिलेगा।
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